Top 10 Places to Visit in Nanded | नांदेड़ में घूमने लायक टॉप 10 जगहें

Top 10 Places to Visit in Nanded

Top 10 Places to Visit in Nanded | नांदेड़ में घूमने लायक टॉप 10 जगहें दोस्तों आज के इस ब्लॉग में हम नांदेड़ जिल्हे में टॉप 10 प्लेसेस की जानकारी प्राप्त करेंगे अगर आप टूरिस्ट है और आपको टूरिस्ट प्लेस की जानकारी चाहिए तो आपको यह ब्लॉग पसंद आएगा

नांदेड़ एक पुराण शहर है इसका पुराण नाम नंदीग्राम था यह शहर गोदावरी नदी के किनारे बसा है तेजी से डेवलप होनेवाले सिटी में से एक शहर नांदेड़ है यहाँ हर साल लाखो स्टूडेंट पढ़ने आते है तो चलिए टॉप 10 बेस्ट प्लेसेस की जानकारी प्राप्त करेंगे.

Top 10 Places to Visit in Nanded | नांदेड़ में घूमने लायक टॉप 10 जगहें

1. सचखंड श्री हजूर साहिब गुरुद्वारा

a white building with gold roof

सचखंड श्री हुजूर साहब गुरुद्वारा, जिसे तख्त सचखंड श्री हज़ूर साहिब के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राज्य महाराष्ट्र के नांदेड़ में स्थित एक महत्वपूर्ण सिख धर्मस्थल है। यह गौरवशाली धरोहर सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी है।

सचखंड श्री हुजूर साहब गुरुद्वारा उस स्थान पर स्थित है जहाँ गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपनी अंतिम सांस ली थी। 1708 में गुरु गोबिंद सिंह जी ने यहाँ पर अपने जीवन की अंतिम धार्मिक सेवा सम्पन्न की थी। इस गुरुद्वारे का निर्माण महान सिख महाराजा रणजीत सिंह द्वारा किया गया था और यह सिख धर्म के पांच तख्तों में से एक है।

इस गुरुद्वारे के आंतरिक भाग को ‘सचखंड’ कहा जाता है, जिसका अर्थ है ‘सत्य का क्षेत्र’। यहां पर हर साल हजारों श्रद्धालु आस्थावान होकर अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। यह स्थान सिख धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है और यहाँ की धार्मिक रस्में हर शिष्य के लिए अद्वितीय आत्मिक अनुभव का सृजन करती हैं।

सचखंड श्री हुजूर साहब गुरुद्वारा में पूरे वर्ष कई धार्मिक कार्यक्रम और उत्सव आयोजित किए जाते हैं। लोहड़ी और बैसाखी जैसे पर्व बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं। इसके साथ ही यहाँ की ऐतिहासिक और स्थापत्य कला भी देखने योग्य है।

सचखंड श्री हुजूर साहब गुरुद्वारा ना केवल सिख समुदाय का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर में भी इसका उच्च स्थान है। इस स्थान की यात्रा किसी भी भक्त के लिए एक अद्वितीय अनुभव होता है, जो आध्यात्मिक और ऐतिहासिक दोनों दृष्टियों से समृद्ध है।

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2. श्री क्षेत्र माहुर गढ़ – Top 10 Places to Visit in Nanded

a statue on a hill

श्री क्षेत्र माहुर गढ़, महाराष्ट्र का एक प्राचीन और पवित्र तीर्थस्थल है जिसे देवी रेणुका के निवासस्थान के रूप में जाना जाता है। इस दिव्य स्थली की अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता ने इसे न केवल स्थानीय बल्कि दूर-दूर से आने वाले भक्तों का भी केंद्रबिंदु बना दिया है।

माहुर गढ़ न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर भी है। यहां के प्राचीन मंदिर और मनोरम दृश्य इस जगह को अद्वितीय बनाते हैं। हर साल यहां आयोजित होने वाले पारंपरिक मेलों और उत्सवों में भाग लेने के लिए भक्तों और पर्यटकों का सैलाब लगता है।

यह स्थान न केवल धार्मिक उत्साही लोगों के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी आदर्श है। यहां की हरी-भरी पहाड़ियां और प्राचीन मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। माहुर गढ़ का शांत और सुरम्य वातावरण मन को शांति और ताजगी प्रदान करता है।

श्री क्षेत्र माहुर गढ़ न केवल एक धार्मिक स्थली है, बल्कि एक ऐसा स्थान है जहां इतिहास, धर्म और संस्कृति का मिलान होता है। यह हर उस व्यक्ति के लिए एक अनिवार्य गंतव्य है जो आध्यात्मिकता और संस्कृति की गहराइयों को महसूस करना चाहता है।

3. कंधार का किला

a stone castle with grass and a walkway

कंधार का किला प्राचीन भारत के सबसे महत्वपूर्ण किलों में से एक है। इसके ऐतिहासिक महत्व और स्थापत्य कला इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाती है। यह किला महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के कंधार शहर में स्थित है।

कंधार का किला 12वीं सदी में बना था और यह यादव राजवंश के शासनकाल में एक महत्वपूर्ण सैन्य किला हुआ करता था। इसके पश्चात्, यह विभिन्न मुस्लिम शासकों के अधीन रहा जिन्होंने इसे और भी सुदृढ़ किया। स्थानीय लोककथाओं के अनुसार, इस किले का निर्माण राजा कंधार ने करवाया था, जिससे इस किले को यह नाम मिला।

कंधार का किला मुगल और दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसकी प्राचीरें, विशाल दरवाजे, और गुप्त सुरंगें यहाँ के स्थापत्य की जटिलता और सुंदरता को दर्शाती हैं। किले में स्थित विभिन्न महल, मस्जिदें और जलाशय इसे और भी आकर्षक बनाते हैं।

आज कंधार का किला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जहाँ हर साल हजारों पर्यटक आते हैं। इतिहास प्रेमियों के लिए यह किला एक आदर्श गंतव्य है जहाँ वे भारत के गौरवशाली अतीत की झलक पा सकते हैं। इस किले का भ्रमण इतिहास और संस्कृति की एक अद्वितीय यात्रा प्रदान करता है।

संक्षेप में, कंधार का किला केवल एक ऐतिहासिक संरचना नहीं है, बल्कि यह भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अध्याय है।

4. सहस्त्रकुंड झरना

a waterfall in a river

सहस्त्रकुंड झरना महाराष्ट्र और तेलंगाना के सीमा पर स्थित है। यह एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है जो अपने अद्भुत प्राकृतिक सौन्दर्य और आकर्षक जलप्रपात के लिए जाना जाता है। इस झरने की खासियत इसकी चपलता और मनमोहक दृश्य है जो सभी को मन्त्रमुग्ध कर देता है।

सहस्त्रकुंड झरना का ऐतिहासिक महत्व भी है। स्थानीय लोग इसे पवित्र मानते हैं और यहां शिवरात्रि के समय विशेष पूजा-अर्चना होती है। झरने के आसपास के क्षेत्र में पुरानी मन्दिर और धार्मिक स्थल भी हैं, जो यहां के ऐतिहासिक महत्व को और भी बढ़ाते हैं।

सहस्त्रकुंड झरना तक पहुंचने के लिए निकटतम बड़ा शहर नागपुर है, जो लगभग 215 किमी दूर है। नागपुर से आप बस या टैक्सी के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं। रेल मार्ग के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन आदिलाबाद है, जो इस झरने से लगभग 50 किमी दूर है।

सहस्त्रकुंड झरना घूमने का सबसे अच्छा समय मॉनसून और उसके बाद का होता है, जब जलप्रपात अपनी पूर्ण ऊंचाई पर होता है। मॉनसून के समय, यह झरना अपनी सम्पूर्ण भव्यता में होता है और पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केन्द्र बन जाता है।

5. पांडव लेनी माहुर

Pandav Leni
Pandav Leni

भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर में अनेक प्राचीन स्थल सम्मिलित हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण स्थल है पांडव लेनी माहुर। यह ऐतिहासिक गुफाएं न केवल अपने पुरातन इतिहास के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि यह कला और शिल्प के अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत करती हैं।

पांडव लेनी माहुर का इतिहास बेहद प्राचीन और रोचक है। माना जाता है कि इनमें से कुछ गुफाएं दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व की हैं। ये गुफाएं मुख्य रूप से बौद्ध धर्म के प्रसार के समय बनाई गई थीं और इतिहासकारों का मानना है कि इनका निर्माण महान अशोक के शासन काल में हुआ था।

स्थापत्य कला की दृष्टि से पांडव लेनी माहुर अद्वितीय हैं। यहाँ की गुफाएं उत्कृष्ट नगरीय संरचना का उदाहरण हैं, जिसमें स्तंभ, स्तूप, गोष्ठालय और प्रार्थना कक्ष मौजूद हैं। इन गुफाओं की दीवारों पर उकेरी गईं चित्रांकन और मूर्तियाँ तत्कालीन समाज और संस्कृति की झलक दिखाते हैं।

पांडव लेनी माहुर आज भी कई पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। यह स्थल न केवल इतिहास के छात्र और शोधकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि आम पर्यटकों के बीच भी एक लोकप्रिय स्थान है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा इन गुफाओं का संरक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है, ताकि भविष्य की पीढ़ियाँ भी इस धरोहर का आनंद ले सकें।

अन्ततः, पांडव लेनी माहुर एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे समझने और संरक्षित करने की आवश्यकता है। यह स्थल हमारे समृद्ध इतिहास का प्रतीक है और हमारी सांस्कृतिक विविधता को उजागर करता है।

6. श्री गुरु गोविंद जी संग्रहालय

भारत में कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान मौजूद हैं, जो हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को सँजोए रखते हैं। इन में से एक प्रमुख स्थान है ‘श्री गुरु गोविंद जी संग्रालय’, जो महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में स्थित है। यह संग्रालय नवम गुरु तेगबहादुर जी के पुत्र और सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी को समर्पित है।

श्री गुरु गोविंद जी संग्रालय, सिख समाज के लिए अत्यंत पवित्र स्थल है। यह सिर्फ एक संग्रहालय नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक और धार्मिक केंद्र है, जहां पर गुरु गोविंद सिंह जी ने अपना अंतिम निवास किया था। यहां पर कई ऐतिहासिक दस्तावेज, धार्मिक ग्रंथ और गुरु जी के उपयोग में आने वाली वस्तुएं संग्रहीत हैं।

संग्रालय में कई महत्वपूर्ण शिलालेख और तस्वीरें हैं, जो भारतीय इतिहास और सिख परंपरा की गाथा बयान करती हैं। यहां पर गुरु गोविंद सिंह जी की तलवारें, कवच, और अन्य युध्द सामग्री भी प्रदर्शित की जाती हैं। इसके अतिरिक्त, संग्रहालय में गुरु जी द्वारा लिखे गए दस्तावेज और कविताएं भी उपलब्ध हैं। यह संग्रालय केवल नांदेड़ या महाराष्ट्र के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारत के इतिहास प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।

श्री गुरु गोविंद जी संग्रालय नांदेड़ इतिहास और संस्कृति के एक महत्वपूर्ण धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह संग्रालय सिर्फ सिख समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि सभी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रेमियों के लिए एक प्रेरणादायक स्थल है। इस संग्रालय का दौरा न केवल इतिहास को निकट से जानने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक धरोहरों को अधिक सम्मान और सृजनशील दृष्टि से देखने की प्रेरणा भी देता है।

7. श्री कालेश्वर मंदिर

श्री कालेश्वर मंदिर भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इसका स्थापत्य और इसकी धार्मिक महत्वता इसे विशेष बनाती है। यहाँ हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

श्री कालेश्वर मंदिर का इतिहास कई सदियों पुराना है। माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना प्राचीन काल में की गई थी और इसका संबंध विभिन्न परंपराओं एवं कथाओं से जुड़ा हुआ है। यह मंदिर शिव भक्ति का प्रमुख केंद्र है, जहाँ लोग अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए आते हैं।

मंदिर का स्थापत्य अद्वितीय है, जिसमें भारतीय वास्तुकला की विशेषताएँ स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। मंदिर के द्वार, गुम्बद और अन्य संरचनाएँ अत्यंत ही आकर्षक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती हैं। मंदिर की धरोहर को बचाने के लिए कई पुनर्निर्माण कार्य भी किए गए हैं।

श्री कालेश्वर मंदिर धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। यह शिव भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यहाँ की पूजा और आरती अत्यंत ही भव्य और दिव्य होती हैं, जो श्रद्धालुओं के मन को सुकून प्रदान करती हैं।

श्री कालेश्वर मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और इतिहास के अद्वितीय पहलू को भी प्रदर्शित करता है। इस मंदिर की यात्रा एक आध्यात्मिक अनुभव होता है, जो आज भी लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।

8. माहुर रामगढ किला

Mahur gadh killa

महाराष्ट्र राज्य के माहुर गांव में स्थित रामगढ किला एक समृद्ध इतिहास से भरपूर धरोहर है। इस किले की स्थापना प्राचीन काल में हुई थी और यह कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है।

रामगढ किला न केवल एक सामरिक किला था बल्कि इसके अंदर कई मंदिर और संस्कृति से जुड़े अन्य निर्माण भी हैं। यहां पर खासतौर से देवी रेणुका का मंदिर काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर में सालभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।

रामगढ किले के आसपास कई सुंदर पर्यटन स्थल स्थित हैं। इसका मुख्य द्वार एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा, अनेक दर्शनीय स्थल यहां मौजूद हैं जिनमें प्राचीन जलाशय, उद्यान और अन्य वास्तुकला के अद्वितीय नमूने शामिल हैं।

निस्संदेह, माहुर रामगढ किला अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए समान रूप से आकर्षण का केंद्र है।

9. गोदावरी नदी

गोदावरी नदी भारत की सबसे प्रमुख और विशाल नदियों में से एक है। इसे ‘दक्षिण गंगा’ के नाम से भी जाना जाता है। इसका उद्गम महाराष्ट्र राज्य के त्र्यंबक नामक स्थान से होता है और इसकी यात्रा बंगाल की खाड़ी में समाप्त होती है।

गोदावरी नदी का ऐतिहासिक, धार्मिक और आर्थिक महत्व अत्यधिक है। यह नदी दक्षिण भारत के कई राज्यों जैसे महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा को सिंचित करती है। इसके तट पर कई महत्वपूर्ण नगर और धार्मिक स्थल स्थित हैं, जैसे नासिक, नांदेड़ और राजमुंद्री।

गोदावरी नदी महाराष्ट्र के त्र्यंबक (नासिक) से आरम्भ होकर विभिन्न क्षेत्रों से गुजरते हुए पूर्वी दिशा में बढ़ती है। यह नदी लगभग 1,465 किलोमीटर का प्रवाह पथ तय करती है। इसके किनारे स्थित नासिक और राजमुंद्री जैसे शहर प्रमुख तीर्थस्थल हैं।

गोदावरी नदी की कई सहायक नदियाँ हैं, जिनमें प्रमुख हैं – प्राणहिता, पेनगंगा, साबरी और मंजीरा। ये सहायक नदियाँ गोदावरी को विभिन्न क्षेत्रों में अधिक सशक्त और समृद्ध बनाती हैं।

गोदावरी नदी न केवल दक्षिण भारत की जीवनरेखा है, बल्कि इसका सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व भी अनमोल है। यह नदी विभिन्न मानवीय क्रियाकलापों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे संरक्षित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

10. ईसापुर धरण

महाराष्ट्र स्थित ईसापुर धरण का निर्माण 1980 के दशक में हुआ था। यह धरण यवतमाल जिले के में स्थित है और इसका प्रमुख उद्देश्य सिंचाई और जलापूर्ति है।

ईसापुर धरण का कुल जलभरण क्षेत्रफल 4,800 हेक्टेयर है। यहाँ का जलस्तर मानसून के समय अधिकतम और गर्मियों में न्यूनतम होता है। धरण की कुल जलधारक क्षमता लगभग 140 मिलियन घन मीटर है, जो कृषि और पेजयल आपूर्ति में बड़ी भूमिका निभाता है।

ईसापुर धरण अपने अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाता है। यहाँ के हरे-भरे परिदृश्य और शांत वातावरण सैलानियों को आकर्षित करते हैं। वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह स्थान एक आदर्श स्थल है, जहाँ विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षियों को देखा जा सकता है।

ईसापुर धरण ने यवतमाल के आस-पास के गाँवों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार किया है। इसकी वजह से कृषि उत्पादकता में वृद्धि हुई है, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, जलापूर्ति में सुधार से लोगों की जीवनशैली भी बेहतर हुई है।

निष्कर्ष

तो आज के इस के ब्लॉग में हमने Top 10 Places to Visit in Nanded | नांदेड़ में घूमने लायक टॉप 10 जगहें की जानकारी प्राप्त की है में आशा करता हु की यह ब्लॉग आपको पसंद आएगा अगर आप नए हो तो आप पहले ये ब्लॉग पढ़े बाद में आप प्लेसेस को विजिट कर सकते हो

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