Top 10 Places to Visit in Dighi Maharashtra: दिघी एक ऐसा ऐतिहासिक शहर है इसका नाम आपने सुना होगा दिघी गांव रायगढ़ जिल्हे के श्रीवर्धन तालुके में स्थित है हल ही में प्राइम मिनिस्टर मोदी ने इस दिघी गांव को स्मार्ट सिटी बनाने का ऐलान किया है। आज के इस ब्लॉग में हम दिघी में टॉप 10 प्लेसेस तो विजिट के बारे में बताते है
दिघी शहर में बहुत सरे पुराने राजा महारजा के किल्हे है और समंदर का किनारा भी इस सिटी के लगत है तो चलिए Top 10 Places in Dighi Maharashtra इसकी जानकारी लेते है
दिघी गांव महारष्ट्र और गुजरात बॉर्डर पर स्तिथ है इस दिघी पोर्ट से दोनो राज्यों को फायदा होने वाला है देश विदेश में उद्योग क्रांति इस प्रोजेक्ट से होगी।
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Top 10 Places to Visit in Dighi Maharashtra | महाराष्ट्र के दिघी में घूमने के 10 बेहतरीन स्थल
1. जंजिरा बीच
जंजीरा बीच और दिघी महाराष्ट्र राज्य में स्थित हैं और ये दोनों पर्यटन स्थलों के रूप में बेहद प्रसिद्ध हैं। यह क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इस ब्लॉग में, हम जंजीरा बीच और दिघी के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
जंजीरा बीच का नाम जंजीरा किले से जुड़ा हुआ है, जो अरब सागर में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक किला है। इस किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ था और यह सिद्धियों के द्वारा नियंत्रित किया जाता था। भीषण समुद्री युद्धों के बावजूद, यह किला अज्ज श्रद्धालुओं का आकर्षण केंद्र है।
दिघी एक छोटी सी बंदरगाह नगर है जो कि जंजीरा किले के पास स्थित है। यह अपनी शांत और सुंदर वातावरण के लिए जानी जाती है। यहां का बंदरगाह बड़े-बड़े जहाजों के आगमन और प्रस्थान का केंद्र है और इसके आस-पास विभिन्न जलक्रीड़ाओं का आयोजन होता रहता है।
जंजीरा बीच और दिघी दोनों ही पर्यटन प्रेमियों के लिए एक अद्भुत हैं। यहां के समुद्री तटों पर आराम करना, जलक्रीड़ाओं में भाग लेना और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करना पर्यटकों के लिए वाकई एक आनंदमय अनुभव होता है। इन दोनों स्थलों की यात्रा आपको निश्चित रूप से एक नई और अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगी।
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2. दिघी हिल्स
दिघी हिल्स भारत के महाराष्ट्र राज्य में स्थित एक महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। इस स्थल की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के कारण यह हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है।
दिघी हिल्स पहाड़ों की एक श्रृंखला है जिसमें कई सुन्दर घाटियाँ और हरे-भरे जंगल शामिल हैं। यहाँ का मौसम साल भर सुहावना होता है, जो इसे पर्यटन के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। यहाँ की ऊंचाइयों से आप खूबसूरत दृश्य और सूर्यास्त का आनंद ले सकते हैं।
दिघी हिल्स का ऐतिहासिक महत्व भी कम नहीं है। यहां कई प्राचीन मंदिर और किले स्थित हैं जो इसके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाते हैं। इन स्थलों पर जाकर आप इतिहास की समृद्ध धरोहर का अनुभव कर सकते हैं।
दिघी हिल्स में ट्रेकिंग, कैम्पिंग और फोटो ग्राफी के अलावा भी कई आकर्षण हैं। यहां के नजारे और शांत वातावरण आपके मन को शांति और सुकून प्रदान करेंगे। चाहे आप प्रकृति प्रेमी हों या साहसिक खेलों के शौकीन, यह स्थान आपसी जरूरी अनुभव प्रदान करता है।
यदि आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ एक यादगार ट्रिप प्लान कर रहे हैं, तो दिघी हिल्स एक उत्तम विकल्प हो सकता है। इससे न केवल आपको ताजगी महसूस होगी, बल्कि यहां आने से आपकी यात्रा यादगार भी बन जाएगी।
3. पद्मदुर्ग किल्ला
पद्मदुर्ग किला, जिसे आनंदगड के नाम से भी जाना जाता है, महाराष्ट्र के दिघी में स्थित एक ऐतिहासिक किला है। यह किला मराठा साम्राज्य और उसके महान योद्धाओं की अद्वितीय स्थापत्य और रक्षा कला का प्रतीक है। किला मुख्य रूप से छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा निर्मित किया गया था।
दिघी तालुका के रायगढ़ जिले में स्थित पद्मदुर्ग किला एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। यह किला अरबी सागर के तट पर स्थित है और मुम्बई से लगभग 122 किलोमीटर की दूरी पर है। किले तक पहुंचने के लिए नाव या बोट का उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि यह समुद्र के बीच स्थित है।
पद्मदुर्ग किला छत्रपति शिवाजी महाराज के शासनकाल के दौरान 1670 में बनाया गया था। इस किले का निर्माण मुख्य रूप से जलमार्गों की रक्षा के लिए किया गया था। यह किला सिद्दी जौहर और उसके नौसेना बेड़े के हमलों से बचाव हेतु एक रणनीतिक स्थल के रूप में कार्य करता था। किले की संरचना में चार प्रमुख बुरुज और गहरा खाई है, जो इसे दुश्मनों के लिए अभेद्य बनाती है।
आजकल पद्मदुर्ग किला एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन चुका है। यहाँ पर्यटक किले की प्राचीन दीवारों, बुरुजों और उनके स्थापत्य की अद्भुतता का आनंद लेते हैं। इसके अलावा, किले के चारों ओर का प्राकृतिक सौंदर्य और समुद्र तट की नैसर्गिकता भी पर्यटकों को आकर्षित करती है।
4. दिघी पोर्ट
भारत की बंदरगाह परियोजनाओं में दिघी पोर्ट को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह एक दूरदर्शी परियोजना है, जो महाराष्ट्र राज्य के रायगढ़ जिले में स्थित है। इस बंदरगाह की स्थापना से संग्रहण, निर्यात और आयात में सुगमता होगी, जिससे क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी।
हाल ही में, दिघी पोर्ट में नया अद्यतन हुआ है जो इसके विकास के लिए महत्वपूर्ण है। नवीनतम अपडेट में प्रमुख रूप से बंदरगाह के विस्तार और कार्यक्षेत्र को बढ़ाने की योजना बनाई गई है। इसका उद्देश्य पूर्ण स्वचालन और आधुनिक उपकरणों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है, जिससे पोर्ट की क्षमता में वृद्धि हो सके।
आने वाले वर्षों में, दिघी पोर्ट के प्रबंधन ने अनेक नवाचार योजनाएँ बनाई हैं। इनमें व्यावसायिक गतिविधियों के लिए नए टर्मिनल्स का निर्माण, स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग, और जल प्रबंधन प्रणालियों का पुनर्निर्माण शामिल है। इन योजनाओं का उद्देश्य बंदरगाह को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।
5. सामराजगड किल्ला
सामराजगड किल्ला, दिघी, महाराष्ट्र के कोंकण इलाके में स्थित एक ऐतिहासिक धरोहर है। यह किला अपने अद्वितीय स्थापत्य और ऐतिहासिक महत्त्व के लिए जाना जाता है। यह किला पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण स्थल है, जहां उन्हें ऐतिहासिक जानकारी और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का आनंद मिलता है।
सामराजगड किल्ला का निर्माण मराठा साम्राज्य के दौरान हुआ था। यह किला एक रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित है, जिससे दुश्मनों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। मराठा योद्धाओं ने इस किले का उपयोग रक्षा और सैन्य अभियानों के लिए किया था।
सामराजगड किल्ला की स्थापत्य कला अद्वितीय और आकर्षक है। किले की दीवारें मोटी और मजबूती से बनी हुई हैं, जो इसे बाहरी आक्रमणों से सुरक्षित बनाती हैं। किले के अंदर विभिन्न प्रकार के भवन, महल, और मंदिर स्थित हैं। यहां से पर्यटक जंगल और पहाड़ों की सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। किले की बनावट और उसकी संरचना भारतीय स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
सामराजगड किल्ला अपने प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्त्व के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहाँ पर्यटक ट्रेकिंग, फोटोग्राफी और इतिहास की जानकारी प्राप्त करने के लिए आते हैं। किले के समीप स्थित गांव दिघी भी प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां से किले का अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है। स्थानीय गांववासी और गाइड पर्यटकों को किले की पूरी जानकारी देते हैं।
6. खोखरी मकबरे
खोखरी मकबरे, दिघी का एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल है। यह स्थान अपनी वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम इस मकबरे के इतिहास, वास्तुकला और महत्व पर चर्चा करेंगे।
खोखरी मकबरे का निर्माण 15वीं शताब्दी में हुआ था। इसे प्रसिद्ध शासक द्वारा बनवाया गया था जो उस समय के विख्यात थे। यह मकबरा उनके अद्वितीय वास्तुशिल्प कौशल का प्रतीक है।
इस मकबरे की वास्तुकला में भारतीय और फारसी शैलियों का मिश्रण देखने को मिलता है। इसके गुंबद, मेहराब और नक्काशीदार दीवारें इसकी बेमिसाल सुंदरता का प्रमाण हैं। मकबरे के अंदरूनी भाग में अनेक कलात्मक चित्र और नक्काशियां देखने लायक हैं।
खोखरी मकबरे को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। यह मकबरा इतिहासकारों और पुरातत्त्ववेत्ताओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ संग्रहित ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरें इस स्थान के महत्व को और बढ़ा देती हैं।
खोखरी मकबरे, दिघी एक अद्वितीय ऐतिहासिक स्थान है, जहाँ की वास्तुकला और इतिहास हमें हमारे पूर्वजों की समृद्ध संस्कृति की याद दिलाते हैं। यह स्थल हमारे इतिहास और धरोहर को संजोने के दृष्टिकोण से अनमोल है।
7. खार अंबोली बांध
खार अंबोली बांध, दिघी महाराष्ट्र का एक प्रमुख बांध है। यह बांध न केवल एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है, बल्कि कृषिकीय और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में भी सहायक है। इस लेख में, हम खार अंबोली बांध की पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे।
खार अंबोली बांध दिघी गांव के पास स्थित है। यह पर्यटन के लिए भी एक आकर्षक स्थल है, जहां पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं। बांध के निकट स्थित घने जंगल और हरियाली पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
खार अंबोली बांध का मुख्य उपयोग सिंचाई के लिए होता है। बांध से पानी खेतों में छोड़ा जाता है, जो फसलों की सिंचाई में प्रयोग होता है। इसके अलावा, यह बांध पीने के पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है। बांध का जल संरक्षण भी किया जाता है, जिससे पेयजल की समस्या को कम किया जा सके।
खार अंबोली बांध के निर्माण ने वातावरण को कई प्रकार से प्रभावित किया है। यह बांध जल संसाधन की पूर्ति करने में सक्षम है, जिससे सूखे के समय में भी जल उपलब्धता बनी रहती है। साथ ही, इसके निर्माण से आस-पास के क्षेत्र में हरियाली और पेड़-पौधों की बढ़ोतरी देखी गई है।
खार अंबोली बांध दिघी क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण बांध है। इसका मुख्य उपयोग सिंचाई और पेयजल की पूर्ति के लिए होता है। पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी यह बांध अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसके आसपास का सौंदर्य पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस प्रकार, खार अंबोली बांध दिघी की आबादी और पर्यावरण दोनों के लिए एक वरदान है।
8. मुरुद-जंजीरा किला
महाराष्ट्र राज्य में स्थित मुरुद-जंजीरा किला भारत की प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है। यह किला रायगढ़ जिले के मुरुद गांव के पास अरबी समुद्र के तट पर स्थित है। इसे समुद्र के बीचों-बीच टापू पर बनाया गया है, जिससे यह अद्वितीय और सुरक्षित बनता है।
मुरुद-जंजीरा किले का निर्माण 15वीं सदी में सिद्दी जौहर द्वारा किया गया था। इस किला को मुख्य रूप से समुद्री हमलों से रक्षा करने के उद्देश्य से बनाया गया था। यह किला अपनी अक्षुण्ण और अद्वितीय वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है और इसमें 19 अजेय बुर्ज हैं, जो इसे और भी सुरक्षात्मक बनाते हैं।
इस किले की वास्तुकला में भारतीय और इस्लामी शैली का सम्मिश्रण देखने को मिलता है। किले की दीवारें बहुत मजबूत और ऊंची हैं, जो इसे हमलों से बचाती हैं। इसके अंदर राजमहल, मस्जिद, तालाब और तोपखाना जैसी अनेक महत्वपूर्ण संरचनाएं हैं।
मुरुद-जंजीरा किला पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है। यहां आने वाले पर्यटक समुद्र की सुंदरता के साथ इतिहास की अद्भुत झलक देख सकते हैं। समुद्री मार्ग से किले तक पहुंचना एक रोमांचकारी अनुभव होता है, जहां व्यक्ति नाव के द्वारा किले तक पहुंचते हैं और इस समुद्री दुर्ग की भव्यता को नजदीक से देख सकते हैं।
9. श्रीवर्धन
श्रीवर्धन, महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित एक प्राचीन नगर है। यह शहर अपने प्राचीन मंदिरों और समुद्री तट के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर इतिहास से भरा हुआ है और यहां की संस्कृति बहुत ही समृद्ध है।
श्रीवर्धन का इतिहास बहुत पुराना है। इस नगर का उल्लेख पौराणिक कथाओं और ग्रंथों में भी मिलता है। यहां के मंदिर और प्राचीन स्तंभ इस बात का प्रमाण देते हैं कि यह शहर किस प्रकार से प्राचीन काल में भी महत्वपूर्ण रहा है। यहां का माता जंजिरा किला विशेष आकर्षण का केंद्र है, जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।
श्रीवर्धन में कई आकर्षक पर्यटन स्थल हैं। यहां का श्री हरिहरेश्वर मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध है और यहां हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं। इसके अलावा, श्रीवर्धन बीच भी एक प्रमुख आकर्षण है, जहां आप समुद्र के किनारे टहलते हुए सुंदर प्राकृतिक दृश्य का आनंद ले सकते हैं।
श्रीवर्धन की संस्कृति बहुत ही विविध और रंगीन है। यहां के स्थानीय त्योहार और उनकी परंपरागत नृत्य कलाएं विशेष अनुभव देती हैं। श्रीवर्धन का प्रत्येक गांव और कस्बा अपनी विशिष्ट संस्कृति को संजोए हुए है।
10. श्री हरिहरेश्वर मंदिर
श्री हरिहरेश्वर मंदिर, महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के श्रीवर्धन तालुका में स्थित है। यह मंदिर हिंदू धर्म के अनुसार भगवान शिव को समर्पित है, और इसे ‘दक्षिण का काशी’ भी कहा जाता है। अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण, यह मंदिर देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
श्री हरिहरेश्वर मंदिर की वास्तुकला विशेष आकर्षण का केंद्र है। मुख्य मंदिर का निर्माण पंडितों और विद्वानों द्वारा ध्यानपूर्वक किया गया है। मंदिर की संरचना चार दिशाओं में फैली हुई है और इसमें चार छोटे-छोटे मंदिर भी शामिल हैं, जो भगवान गणेश, माता पार्वती, और अन्य देवताओं को समर्पित हैं।
श्री हरिहरेश्वर मंदिर की धार्मिकता और उसकी पवित्रता यहां आने वाले हर भक्त के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है। मंदिर के पास ही मनोहर समुद्र तट भी है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है। प्रतिवर्ष यहां महाशिवरात्रि और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बड़ी तादात में भक्तगण एकत्रित होते हैं, और यह मेला एक धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का रूप लेता है।
श्रीवर्धन रायगढ़ के इस अत्यधिक महत्व वाले धार्मिक स्थल तक पहुँचने के लिए, निकटतम रेलवे स्टेशन के माध्यम से या मुंबई और पुणे से बस सेवाओं का उपयोग किया जा सकता है। वहीं, यात्रियों को अपनी यात्रा को व्यवस्थित करने के लिए स्थानीय गाइड और पर्यटन सेवाओं की भी सहायता मिल सकती है।
निष्कर्ष
Top 10 Places to Visit in Dighi Maharashtra | महाराष्ट्र के दिघी में घूमने के 10 बेहतरीन स्थल, कैसा लगा हमारा ब्लॉग तो हमने आज के इस ब्लॉग में दिघी गांव में कोनसे पर्यटन स्थल कोनसे है इसके बारे में जानकारी ली है मई धन्यवाद देना चाहता हु की हमरे प्राइम मिनिस्टर मोदी को जीनोने दिघी को इतना बड़ा पोर्ट प्रोजेक्ट दिया है
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