Top 10 Places to Visit in Amravati | अमरावती में घूमने के 10 बेहतरीन स्थान: आपने चिखलदरा का नाम सुना होगा, ठण्ड हवा ठिकान यह ठिकान अमरावती के अंदर है ऐसे ही मजेदार ठिकान की जानकारी इस ब्लॉग में हम देखने वाले है, अमरावती यह जिल्हा महाराष्ट्ट्र राज्य में है।
अमरावती एक पुराना ऐतिहासिक शहर है इसका पुराना नाम उदुम्बरावती है इसमें बहुत सारे, ऐतिहासिक हैसे ठिकान है जो आपको बहुत ही पसंद आएंगे तो चलिए अमरावती टॉप 10 प्लेसेस की जानकारी प्राप्त करेंगे | Top 10 Places to Visit in Amravati
Table of Contents
Top 10 Places to Visit in Amravati | अमरावती में घूमने के 10 बेहतरीन स्थान
1. चिखलदरा
चिखलदरा, जिसे महाराष्ट्र के अमरावती जिले का गहना कहा जाता है, एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह स्थान अपने हरे-भरे वनस्पति, खूबसूरत पहाड़ों और अद्भुत जलप्रपातों के लिए प्रसिद्ध है। चिखलदरा, विंध्याचल पर्वतमाला में स्थित होने के कारण, यहाँ का मौसम साल भर सुहावना रहता है।
चिखलदरा का भारतीय महाकाव्य महाभारत से गहरा संबंध है। ऐसी मान्यता है कि यहाँ भीम ने कीचक का वध किया था, इसलिए इस स्थान को ‘कीचकदरा’ के नाम से पुकारा जाता है। यह स्थल ऐतिहासिक महत्व के कारण भी पर्यटकों को आकर्षित करता है।
चिखलदरा में कई प्रमुख पर्यटन स्थल हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
1. मेलघाट टाइगर रिज़र्व: यह जंगल सफारी के लिए एक प्रमुख आकर्षण है, जहाँ आप बाघों सहित विभिन्न वन्यजीवन प्रजातियों को देख सकते हैं।
2. वर्टेक्स प्वाइंट: यह बिंदु चिखलदरा का सर्वोच्च स्थान है, जहाँ से पूरी घाटी का नज़ारा देखा जा सकता है।
3. बिम्बिसरा मंडप: यहाँ से घाटी का विस्तार और चोटियों का अद्भुत नज़ारा देखा जा सकता है।
चिखलदरा पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन अमरावती है, जो लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा नागपुर है, जहाँ से आप सड़क मार्ग से आसानी से चिखलदरा पहुँच सकते हैं।
चिखलदरा का प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक महत्व और शानदार मौसम इसे पर्यटकों के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाते हैं। इस शानदार स्थल की यात्रा जरूर करें और इसके अद्भुत दृश्य का आनंद लें।
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2. अंबादेवी मंदिर
अंबादेवी मंदिर भारत के प्राचीन मंदिरों में से एक है, जो अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर महाराष्ट्र राज्य के अमरावती जिले में स्थित है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में हुआ था और यह देवी अंबा को समर्पित है।
अंबादेवी मंदिर की वास्तुकला अद्वितीय है और यह प्राचीन भारतीय शिल्पकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर के गर्भगृह में माता अंबा की भव्य प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के मुख्य द्वार पर उत्कृष्ट नक्काशी और संगमरमर की मूर्तियाँ देखी जा सकती हैं। यह मंदिर पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच एक महत्वपूर्ण आकर्षण का केंद्र है।
अंबादेवी मंदिर में हर साल हजारों भक्त माता अंबा के दर्शन करने आते हैं। नवरात्रि जैसे प्रमुख त्योहारों के दौरान मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और भंडारे का आयोजन किया जाता है। भक्ति और आस्था का यह केंद्र लोगों के मन में गहरी श्रद्धा उत्पन्न करता है।
अंबादेवी मंदिर अमरावती शहर के केंद्र में स्थित है और वहाँ तक पहुँचने के लिए सड़क, रेल या हवाई मार्ग से आना संभव है। निकटतम रेलवे स्टेशन अमरावती जंक्शन है, और निकटतम हवाई अड्डा नागपुर है।
3. मेलघाट टाइगर रिजर्व
मेलघाट टाइगर रिजर्व की स्थापना 1974 में भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य बाघों के प्राकृतिक आवास की सुरक्षा और संरक्षण करना था। मेलघाट का अर्थ है ‘मृतकों की घाटी’, जोकि इस क्षेत्र के आदिवासी नामों से लिया गया है। यह वन्यजीव अभ्यारण्य मध्य प्रदेश के अमरावती जिले में स्थित है।
मेलघाट टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल लगभग 1,676 वर्ग किलोमीटर है। यह रिजर्व सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला में स्थित है। यहाँ की प्रमुख नदियाँ तापी और सिपना हैं, जो रिजर्व के पारिस्थितिक संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह क्षेत्र घने जंगलों और छायादार घाटियों से भरपूर है, जोकि बाघों और अन्य वन्यजीवों के लिए आदर्श प्राकृतिक आवास प्रदान करती हैं।
मेलघाट टाइगर रिजर्व विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का घर है। यहाँ बाघों के अलावा संभार, चौसिंगा, जंगली कुत्ते, तेंदुए और भालू भी पाए जाते हैं। इसके अलावा, यहाँ की वनस्पति में साल, बांस, और तेजपत्ता जैसे वृक्ष प्रमुख हैं। रिजर्व का विविधतापूर्ण वातावरण पक्षियों के लिए भी अनुकूल है, जिससे यह पक्षी प्रेमियों के लिए एक श्रेष्ठ स्थल बन गया है।
मेलघाट टाइगर रिजर्व पर्यावरणीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करता है। यहाँ पर्यटकों के लिए गाइडेड टूर, नेचर ट्रेल्स और बर्ड वाचिंग जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इसके साथ ही, रिजर्व वन विभाग द्वारा बाघों और अन्य वन्यजीवों की देखरेख के लिए सतत रूप से प्रयास किए जाते हैं। परियोजनाओं और शोध कार्यक्रमों के माध्यम से बाघ संरक्षण को मजबूत बनाने के कार्य किए जा रहे हैं।
4. वडाली तालाब
वडाली तालाब महाराष्ट्र राज्य के अमरावती जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण जलाशय है। यह तालाब ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, और जन-जीवन के कई पहलुओं में इसका विशेष योगदान है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम वडाली तालाब की जानकारी, इसके निर्माण का इतिहास, और इसके सामाजिक और आर्थिक महत्व को विस्तार से जानेंगे।
वडाली तालाब का निर्माण मराठा साम्राज्य के शासनकाल में 18वीं सदी में कराया गया था। इसे क्षेत्र की जल आपूर्ति और सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से बनाया गया था। इस समयावधि में, तालाबों और जलाशयों का निर्माण न केवल जल संग्रहण के लिए बल्कि सामुदायिक केंद्रों के रूप में भी किया जाता था।
वडाली तालाब आज भी अपनी जल आपूर्ति के लिए प्रमुख स्रोतों में से एक है। इसके माध्यम से आसपास के क्षेत्रों में सिंचाई की जाती है, जो कृषि क्षेत्र की उत्पादकता को बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त, यह तालाब क्षेत्र में पर्यावरणीय संतुलन बनाये रखने में भी मददगार है। यहाँ की जैव विविधता तालाब के अस्तित्व पर निर्भर करती है, जिससे इसे संरक्षण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
वडाली तालाब स्थानीय समुदाय के लिए सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र भी है। यहाँ पर विभिन्न त्यौहारों और मेलों का आयोजन होता है, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों का आपसी मेल-जोल बढ़ता है। इस प्रकार, वडाली तालाब न केवल एक जलाशय है, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी अपनी पहचान बनाए हुए है।
5. भक्ति धाम
भक्ति धाम अमरावती, भारत के विख्यात धार्मिक स्थलों में से एक है। इसका इतिहास प्राचीन काल से संबंधित है और इसे धार्मिक गतिविधियों और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है। यहाँ के मंदिरों और धार्मिक स्थलों का विशेष महत्व है और यह स्थल अनेक श्रद्धालुओं का आकर्षण केंद्र है।
भक्ति धाम अमरावती का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत उच्च है। यह स्थल न केवल धार्मिक अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ नियमित रूप से धार्मिक समारोह और महोत्सव भी आयोजित किए जाते हैं। यह स्थान शांति और दिव्यता का प्रतीक है और यहाँ आने वाला हर व्यक्ति धर्मिक अनुभूतियों से अविभूत हो जाता है।
भक्ति धाम अमरावती में कई प्रमुख आकर्षण हैं, जिनमें प्रतिष्ठित मंदिर, आश्रम और धार्मिक स्थल शामिल हैं। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिकता का विशेष मिश्रण इसे एक अद्वितीय स्थल बनाता है। यहीं भक्तों के लिए ध्यान, साधना और धार्मिक शिक्षाओं के कार्यक्रम भी नियमित रूप से आयोजित होते हैं।
6. इस्कॉन अमरावती
इस्कॉन (अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ) की शुरुआत 1966 में श्रील प्रभुपाद द्वारा की गई थी। इस्कॉन अमरावती भी इसी श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जो भक्तों को श्रीकृष्ण भक्ति और आध्यात्मिक शिक्षा के माध्यम से मार्गदर्शन प्रदान करता है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम इस्कॉन अमरावती के विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्राप्त करेंगे।
इस्कॉन अमरावती का मंदिर सुंदर और आकर्षक स्थापत्य कला का उत्कृ्ष्ट उदाहरण है। मंदिर का निर्माण पारंपरिक वास्तुकला को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जिसमें आधुनिक सुविधाओं का भी समावेश है। यहाँ आप भव्य मूर्तियों, शांतिपूर्ण वातावरण, और भक्तिमय संगीत के संगम का आनंद ले सकते हैं।
इस्कॉन अमरावती में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नियमित रूप से किया जाता है। इनमें भाग लेकर भक्त आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। मंदिर में दैनिक आरती, भक्तिमय कीर्तन, और भागवत गीता के प्रवचनों का आयोजन किया जाता है, जो श्रद्धालुओं को भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी भक्ति को प्रगाढ़ बनाने में मदद करते हैं।
धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ, इस्कॉन अमरावती सामाजिक सेवा कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाता है। विद्यालयों, अस्पतालों, और अनाथालयों में जाकर वहां की आवश्यकताओं की पूर्ति करना इस्कॉन के प्रमुख कार्यों में से एक है। इसके साथ-साथ, भंडारा और अन्नदान जैसी सेवाएं भी यहां नियमित रूप से की जाती हैं।
7. सतीधाम मंदिर
अमरावती, महाराष्ट्र का एक महत्वपूर्ण शहर है और इस शहर की धरोहरों में सतीधाम मंदिर का एक विशेष स्थान है। यह मंदिर अपनी अद्भुत वास्तुकला और धार्मिक महत्व के कारण बहुत प्रसिद्ध है।
सतीधाम मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में किया गया था और यह मंदिर उन महिलाओं की स्मृति में निर्मित है जिन्होंने सती प्रथा का पालन किया था। यह मंदिर इस प्राचीन प्रथा की पीड़ा और समाज में इसके प्रभाव की कहानी पूरे विश्व को सुनाता है।
सतीधाम मंदिर की वास्तुकला अत्यंत मनमोहक है। इस मंदिर का निर्माण प्राचीन भारतीय स्थापत्यकला का अनुपम उदाहरण है। मंदिर की दीवारों पर की गई प्रतिमा-निर्मिति और नक्काशी इसकी भव्यता को बढ़ाते हैं।
सतीधाम मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे एक सांस्कृतिक धरोहर के तौर पर भी देखा जाता है। मंदिर में साल भर अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जो यहां के लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
अगर आप अमरावती की यात्रा पर हैं, तो सतीधाम मंदिर को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें। मंदिर का दौरा करने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह का है जब यहाँ अधिक भीड़ नहीं होती।
8. छत्री तालाब
छत्री तालाब, अमरावती, एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह तालाब एक शांतिपूर्ण परिवेश प्रदान करता है और यहाँ की हरी-भरी वनस्पतियाँ और साफ पानी स्थानीय लोगों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
छत्री तालाब का निर्माण ब्रिटिश काल में हुआ था और इसका नाम छत्रियों से प्रेरित है जो तालाब के पास स्थित हैं। यह तालाब शहर की जलापूर्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है। पुराने समय में यह तालाब न केवल पानी का स्रोत था बल्कि मनोरंजन और सामाजिक कार्यक्रमों का केंद्र भी था।
आज, छत्री तालाब एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहाँ पर सुबह और शाम के समय सैर करने वाले स्थानीय लोग और पर्यटकों की भीड़ रहती है। तालाब के चारों ओर बनी हुई पगडंडियां और बगीचे इस जगह की खूबसूरती में चार चाँद लगाते हैं। तालाब में नौका विहार की सुविधा भी उपलब्ध है, जो परिवारों और दोस्तों के साथ एक मजेदार गतिविधि प्रदान करती है।
अमरावती शहर से छत्री तालाब तक पहुंचना काफी आसान है। यह शहर के मुख्य क्षेत्रों से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहाँ तक पहुँचने के लिए अच्छी सड़क और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था उपलब्ध है। स्थानीय टैक्सी और ऑटो रिक्शा भी आसानी से मिल सकते हैं।
9. भीम-कुंड
महाभारत की कथा के अनुसार, जब पांडव अपने वनवास के समय अमरावती क्षेत्र में पहुंचे, तो उन्हें पानी की आवश्यकता महसूस हुई। तब बलशाली भीम ने अपनी गदा से भूमि पर प्रहार किया, जिससे इस कुंड का निर्माण हुआ और पांडवों को शुद्ध जल की प्राप्ति हुई। इस घटना की स्मृति में इस स्थान को भीम-कुंड कहा जाता है।
भीम-कुंड अमरावती का आकर्षण सिर्फ इसकी पौराणिकता में सीमित नहीं है। यह स्थल आसपास की प्राकृतिक सुषमा और सांस्कृतिक धरोहरों के कारण भी अत्यंत लोकप्रिय है। यहाँ मोटे तौर पर हर साल बड़ी संख्यां में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं, जो इस स्थान की दिव्यता और पवित्रता का अनुभव करना चाहते हैं। भीम-कुंड का शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य इसे एक अद्वितीय स्थल बनाते हैं।
अमरावती जिले में स्थित भीम-कुंड पहुंचने के लिए परिवहन सुविधा आसानी से उपलब्ध है। नजदीकी रेलवे स्टेशन और बस डिपो से टैक्सी या ऑटो रिक्शा द्वारा भीम-कुंड तक पहुंचा जा सकता है। यात्रा के दौरान आसपास के अन्य ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों का भी दौरा किया जा सकता है।
इस प्रकार, भीम-कुंड अमरावती न केवल पौराणिक कहानी के साथ जुड़ा हुआ है, बल्कि यह एक धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में भी अपनी पहचान बनाए हुए है।
10. हरिकेन प्वॉइंट
हरिकेन प्वॉइंट, अमरावती का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है। यह पॉइंट अमरावती के नज़दीक स्थित है और यह स्थल अपनी ऊँचाई और आसपास के घने जंगलों के साथ एक मनोरम दृश्य प्रदान करता है।
हरिकेन प्वॉइंट से पर्यटन स्थल के कई प्रमुख दृश्य देखे जा सकते हैं, जिसमें घाटी, पहाड़, और दूर-दूर तक फैले जंगल शामिल हैं। यहाँ से सूर्यास्त का दृश्य देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे।
अमरावती से हरिकेन प्वॉइंट तक पहुँचने के लिए आप सड़क मार्ग का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, यहाँ के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे से भी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
हरिकेन प्वॉइंट, अमरावती यात्रियों के लिए एक आदर्श स्थल है जो प्रकृति के करीब समय बिताना चाहते हैं। अपनी अगली यात्रा योजना बनाते समय इस सुंदर स्थल को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें।
निष्कर्ष
Top 10 Places to Visit in Amravati | अमरावती में घूमने के 10 बेहतरीन स्थान: तो आज के इस ब्लॉग में हमने टॉप 10 प्लेसेस इन अमरावती के बारे में जानकारी प्राप्त की है। मई आशा करता हु की यह ब्लॉग आपको जरूर पसंद आएगा इससे आपको एक आईडिया मीलगि की अमरवती में कितने ठिकान है जो घूमने लायक है। इस ब्लॉग का मकसद यही की आपको जानकारी प्राप्त हो
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